मोदी जी के हाथों क़त्ल हो जाएगा
"कोरोना"
इस देश के लोगों के असंख्य पुण्यों का ही फल है कि 70 साल बाद भारत को महा देशभक्त,महा वक्ता, महा ज्ञानी, दार्शनिक, योगी,धर्मात्मा नरेंद्र मोदी के रूप में एक प्रधानमंत्री मिला है। पहले के किसी प्रधानमंत्री में एकसाथ इतनी खूबियाँ नहीं थी। वे समस्याओं के समाधान के लिए अधिकांशतः वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने वाले थे। उनमें कुछ नया करने या नया सोचने की क्षमता नहीं थी। इसी के अलावा उन्होंने जनता को न कभी इतना सम्मान दिया,न ही जनता का इतना ध्यान रखा जितना मोदी रख रहे हैं।
मोदी के जनता प्रेम और राष्ट्र प्रेम का ताजा उदाहरण कोरोना महामारी के जरिए प्रदर्शित हो रहा है और ये प्रेम सारे राष्ट्र में सैलाब बनकर बह रहा है।
उनका जनता और राष्ट्रप्रेम सबसे पहले तब नजर आया जब उन्होंने जनता से ताली-थाली बजाने का अनुरोध किया ताकि कोरोना को बहरा किया जा सके। मोदी राज में सर्वसुख भोगने वाली जनता भी मोदीजी से अपार प्रेम करती है, सो जनता ने उनके आव्हान पर घर से निकल कर घूम -घूम कर नाचते गाते खूब ताली बजाई और कोरोना उस कान फोड़ू आवाज को सुनकर बहरा हो गया। यह मोदी युक्ति की कोरोना पर पहली विजय थी।
लेकिन बहरा होने के बावजूद कोरोना देश भर में घूमता रहा क्योंकि उसकी आंखें और हाथ- पैर सलामत थे। इस बात से मोदीजी परेशान हो गये। फिर लाक डाउन में बैठे-बैठे मोदी जी को एक अन्य युक्ति सूझी कि यदि सारे देश में कुछ देर के लिए लाइट बंद कर दी जाए और दीया- मोमबत्ती जला दिए जाएं तो करोना को न सिर्फ अंधा करके पकड़ा जा सकता है बल्कि उसके हाथ-पैर काट कर उसे मारा भी जा सकता है। इसलिए उन्होंने देशवासियों से अपील की है कि वे 5 अप्रैल को रात 9:00 से 9:00 मिनट के लिए घरों की लाइट बंद कर दें और दीए,मोमबत्ती या मोबाइल की टॉर्च रौशन करें। पूरे देशवासियों को विश्वास है कि मोदी जी इस युक्ति से 9 मिनटों में उसका कत्ल करके देश को उसी तरह कोरोना मुक्त कर देंगे जैसे उन्होंने कर्नाटक को और हाल ही में मध्यप्रदेश को कांग्रेस सरकार से मुक्त कर दिया हैलॉकडाउन के पहले जो समय जनता को नहीं दे पाए थे उसकी कसर उन्होने इस बार ज़रूर पूरी कर ली, कोरोना को पूरे दो दिन का समय दिया ताकि वह जहां से भी आया हो, चला जाए.
आप सब देख लेना 5 अप्रैल की रात्रि को 9:00 बजे से कोरोना की चीखने की आवाजें स्पष्ट सुनाई देंगी और 9 मिनट में वह परलोक सुधार जायेगा।
बहादुर मोदी जी अकेले ही कोरोना को तड़पा- तड़पा कर मार डालेंगे। विश्व देखेगा कि भारत बिना किसी चिकित्सीय सुविधा के कोरोना से मुक्त हो जाएगा और मोदीजी को सारा विश्व नमन करते हुए भारत को विश्व गुरु मान लेगा। तब दुनिया के वैज्ञानिकों को यह समझ में आएगा कि मोदी जी की युक्ति से कैसे एक महामारी को महोत्सव में परिवर्तित कर उसका खात्मा किया जा सकता है।
कई लोग मोदी जी की सूक्ति का विरोध कर कह रहे हैं और कह रहे हैं कि वे देश की समस्याओं का समाधान करने के बजाय ताली-थाली और दीपक - टॉर्च जलाने की बात कर जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। लॉकडाउन में भूखे मर रहे लोगों और देश के डॉक्टरों को हो रही असुविधा से ध्यान हटाने के लिए जनता से ऐसा ड्रामा करवा रहे हैं।
तो ऐसे महा मूर्खों से मेरा कहना है कि सिर्फ जनता और डाक्टरों से ही देश नहीं बनता है। देश बनता है उद्योगपतियों से.
जनता से अधिक उद्योगपतियों के हितों की रक्षा करना सर्वोपरि है, जो मोदी जी कर रहे हैं। जनता तो आती- जाती रहेगी लेकिन यह उद्योगपति शास्वत हैं, उनकी सेवा करना धर्म की सेवा करना है और मोदी जी इसमें जरा भी कोताही नहीं बरत रहे हैं। रही बात जनता की तो आप यह बात तय समझना कि 5 अप्रैल को रात 9:09 पर मोदी जी द्वारा कोरोना के कत्ल किए जाने की ख़बर सारे टीवी चैनल पर आप अपनी आंखों से देखेंगे और फिर आपके साथ सारे विपक्षी-आलोचक भी यह दुआ करते नजर आएंगे कि है ईश्वर मोदी जी को शतायु कर ताकि हम देशवासी उनकी छत्रछाया में हर समय हर तरह के भय से मुक्त रहकर सुखमय जीवन व्यतीत कर सकें।............. तथास्तु।