मरकज़ मामले में मीडिया के रवैये से नाराज़ जमीयत सुप्रीम कोर्ट पहुंचा!
नई दिल्ली। निजामुद्दीन मर्कज़ मामले में मीडिया द्वारा लगातार मुसलमानों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम से नाराज़ जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने आखिरकार सुप्रीमकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। निजामुद्दीन मर्कज़ में हुए कार्यक्रम के बाद मीडिया में आयी खबरों को संगठन ने दुर्भावना से भरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
जमीयत ने अपनी याचिका में कहा है कि मीडिया गैरजिम्मेदारी से काम कर रहा है। मर्कज़ से जुड़े मामले को मीडिया जानबूझकर ऐसा दिखा रहा है जैसे मुसलमान कोरोना फैलाने की मुहिम चला रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि निजामुद्दीन मर्कज़ में हुए तब्लीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर मीडिया ने एकतरफा मुहिम चलाई। मीडिया ने पूरी जानकारी न दिखाते हुए सिर्फ कुछ ही तथ्यों को तोड़मरोड़ कर पेश किया। मीडिया ने मुसलमानो की नकारात्मक छवि बनाने की कोशिशों के तहत कुछ इस तरह खबरें दिखाईं, जिससे लगे कि इस देश में कोरोना संक्रमण मुसलमानो द्वारा जानबूझ कर फैलाया गया है।
इतना ही नहीं याचिका में कहा गया है कि मीडिया ने तब्लीगी जमात और मुसलमानो के लिए जानबूझकर अपशब्दों का इस्तेमाल किया और मुसलमानो को कोरोना संक्रमण के लिए उत्तरदायी ठहराने की कोशिश की गई।याचिंका में सुप्रीम कोर्ट से इस तरह की मीडिया कवरेज पर रोक लगाने तथा मीडिया और सोशल मीडिया में झूठी खबर फैलाने वालों पर कार्रवाई का आदेश देने का अनुरोध किया गया है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन मर्कज़ में आयोजित तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में हज़ारो की तादाद में लोग शामिल हुए थे। दिल्ली सरकार के आदेश पर इस मामले में निजामुद्दीन पुलिस स्टेशन में निजामुद्दीन मर्कज़ के प्रमुख मौलाना साद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
मामला प्रकाश में आने के बाद निजामुद्दीन मर्कज़ खाली करा कर सील कर दिया गया है। वहीँ तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगों को कोरोना टेस्ट के लिए दिल्ली के अलग अलग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।