मां अमृता मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट मेरी माता को समर्पित है - शारदा प्रसाद तिवारी
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हर साल 8 मार्च को समस्त विश्व महिला दिवस के रुप में मनाता है. महिला दिवस का मतलब है वह दिन जो महिलाओं को सम्मान देने के लिए बना है. क्या यह जरूरी है कि महिलाओं का सम्मान सिर्फ एक ही दिन किया जाए. मेरा मानना है कि बाकी बचे साल के 364 दिन भी महिलाएं सम्मान की हकदार हैं ?
आजादी से ले कर अब तक महिलाओं ने देश के लिए बहुत कुर्बानियां दी हैं.
बात देश की हो या परिवार की महिलाएं अपना दायित्व हर स्थान पर निभाती हैं.
परिवार मे हर रिश्ता जैसे बेटी, बहन, मां फिर दादी इन सभी रिश्तों को एक डोर में पिरोकर हर रिश्ते को सहेजती हैं, परिवार को महिलाएं अपना सर्वस्व योगदान कर अपने अस्तित्व की हर पल याद दिलाती हैं.
उनका जितना भी सम्मान किया जाए कम है. 365 दिन हर वक्त महिला सशक्तिकरण के लिए काम करती आई हैं और काम करती रहेंगी.
मैं इस शुभ अवसर महिला दिवस के उपलक्ष पर
हर उस महिला को सादर नमन करता हूँ, जो अपने परिवार अपने कर्तव्य का निर्वाह करती हैं, अपने रिश्तों संजोकर रखती हैं, उसके बाद घर के बाहर का दायित्व पूरा करती हैं, कई महिलाएँ जो समाज कार्य मे भी अपना कर्तव्य निभाने की कोशिश करती हैं मैं उन्हें भी नमन करता हूं. मेरा मानना है नारी पूज्यनीय है, आदरणीय है,
नारी का जितना सम्मान किया जाए कम है. मगर साथ साथ नारी को अपने नारीत्व, अपने अभिमान अपने सम्मान की रक्षा खुद करनी होगी. तभी नारी अपना अस्तित्व बचा पाएगी
श्री शारदा प्रसाद तिवारी
अध्यक्ष
मां अमृता मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट एवं
श्री शारदा विद्या मंदिर हाई स्कूल